छत्तीसगढ़बिलासपुर

पेन्ड्रा में पं. सप्रे के नाम से बनेगा प्रेस क्लब भवन, प्रतिमा भी होगी स्थापित

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा
विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से मिले, भवनों के लिये राशि स्वीकृत की, जमीन आबंटन का आदेश

06-जनवरी2020
बिलासपुर-[सवितर्क न्यूज़]
गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के पुरोधा रहे पं. माधवराव सप्रे की पेन्ड्रा में प्रतिमा स्थापित की जायेगी और यहां उनके नाम पर सर्वसुविधा युक्त प्रेसक्लब भवन का निर्माण होगा।
जिले के प्रवास पर आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने प्रेस क्लब भवन के लिये 50 लाख रुपये की राशि भी मंजूर की। यह प्रेस क्लब भवन लाइब्रेरी व अन्य आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा।
ज्ञात हो कि पेन्ड्रा पं. सप्रे की कर्मभूमि रहा है और यहीं से अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले अखबार ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ का प्रकाशन शुरू हुआ था।
ग्राम पंचायत दानीकुंडी में वन विभाग द्वारा निर्मित परिसर में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी मांगों तथा समस्याओं को सुना। विभिन्न समाजों को उन्होंने सामाजिक भवनों के लिये राशि भी मंजूर की।

मुख्यमंत्री से गोंड समाज के प्रतिनिधियों ने छात्रावास की मांग की। मुख्यमंत्री ने 50-50 बालक एवं बालिका छात्रावास की तत्काल स्वीकृति दी। कलार समाज के लिये भी मरवाही में सामाजिक भवन के लिये तीन लाख, उरांव समाज के लिये सोनमुड़ा में सामाजिक भवन के लिये 20 लाख, अग्रवाल समाज के लिये 10 लाख तथा इसाई समाज के भवन के लिये 20 लाख रुपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री बघेल ने दी। गोंड समाज, सतनामी समाज, राठौर समाज, केशरवानी समाज, पनिका समाज व अन्य समाज के प्रमुखों ने भी अपने सामाजिक भवन के लिये जगह तथा अनुदान की मांग की। मुख्यमंत्री ने जमीन के लिये 10 प्रतिशत की राशि जमा कर कलेक्टर के समक्ष आवेदन करने कहा तथा उसके आबंटन के पश्चात् राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया।
मेहरा समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या आ रही है। हाईकोर्ट में इस सम्बन्ध में प्रकरण लम्बित है किन्तु शासन की ओर से हमारा पक्ष नहीं रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इस सम्बन्ध में वे आवश्यक निर्देश महाधिवक्ता को देंगे।
ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने अमरकंटक के पास जलेश्वर में मध्यप्रदेश द्वारा अपना अधिकार बताया जा रहा है जबकि यह छत्तीसगढ़ का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने इस विवाद को समाप्त करने के लिये पहल करने का आश्वासन दिया। गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के कबीर चबूतरा, राजमेरगढ़ आदि स्थानों को न केवल सुरक्षित रखा जायेगा बल्कि उनका विकास भी किया जायेगा।
नायक समाज के प्रतिनिधियों ने अंग्रेजों के जमाने से बने एक बांध का जीर्णोद्धार करने की मांग रखी जिसके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सिंचाई विभाग के माध्यम से प्रस्ताव भेजने के लिये कहा। गौ पालन करने वाले गूजर समाज के प्रतिनिधियों ने अच्छे नस्ल के गायों की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।
*बिलासा बाई केंवटीन नहीं केंवट*
केंवट समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चकरभाठा एयरपोर्ट का नाम बिलासा बाई केंवटीन के नाम पर रखने के लिये आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें बधाई दी और कहा कि बिलासा बाई केंवटीन नहीं कहा जाये, केंवट कहा जाये। उनका नाम बिलासा बाई केंवट था।

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