बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी में कनिष्ठ यंत्री द्वारा बिजली बिल की राशि गबन करने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। कंपनी की विभागीय जांच में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत मस्तूरी ब्लॉक में पूर्व में कार्यरत कनिष्ठ यंत्री प्रिया आमले और उसके अधिनस्थ कर्मचारियों को दोषी पाते हुए, उनके खिलाफ मस्तूरी थाने में अपराध दर्ज कराया गया है।
जहाँ कनिष्ठ यंत्री प्रिया आमले द्वारा 24 लाख 44 हजार 827 रुप्ए के हेराफेरी करने का आरोप है। उक्त मामले में मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ राज्य विघुत वितरण कंपनी मर्यादित मस्तुरी में कुल 186 नग गैर कृषि उपभोक्ताओं के द्वारा दिए गए। 24 लाख 44 हजार 827 रुप्ए को पूर्व के पदस्थ कनिष्ठ यंत्री प्रिया आमले द्वारा हेराफेरी कर कंपनी को लाखों का चूना लगाया गया।
जिसकी भनक विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों को हुई। जिसमें जांच के बाद कनिष्ठ यंत्री प्रिया आमले को निलंबित कर दिया गया है। वहीं उक्त मामले में शनिवार को मस्तूरी सहायक अभियंता अभिमन्यु कश्यप ने प्रिया आमले मिटर वाचक हेमंत पटेल, अनिल सिंह चंदेल, ओमप्रकाश राठौर, ब्यास राठौर, धमेन्द्र पांडू, चंद्रमणी राठौर, पुरूषोत्तम यादव, राजकुमार राठौर विभागीय कर्मचारी बी.पी. तिवारी सहायक श्रेणी-2, पालेश्वर साहू परिचालक श्रेणी-2 मनोज कुमार साहू लाईन सहायक (संविदा) एवं बाह्य श्रोत कम्प्यूटर आपरेटर किशन यादव को आरोपी होना पाया गया। जिनके खिलाफ मामला दर्ज कर उचित कार्यवाही करने स्थानीय पुलिस को प्रेषित किया गया है। वहीं उक्त मामले में बयान में कनिष्ठ यंत्री प्रिया आमले के सहकर्मियों ने उपभोक्ताओं से मिले पैसे को कनिष्ठ यंत्री प्रिया आमले को देने की बात कही है। बहरहाल इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के सूचना पर मस्तूरी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।