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हनुमान जयंती पर बन रहे कुछ विशेष संयोग, पढ़े पूरी खबर

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हनुमान जयंती पर बन रहे कुछ विशेष संयोग, पढ़े पूरी खब

महेंद्र मिश्रा,रायगढ़/ आज भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव पर्व भक्तों के द्वारा कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी आज मनाया जा रहा है. इस खास दिन पर सभी हनुमान भक्तों को रामायण (रामचरित मानस का अखंड पाठ, सुंदरकाण्ड का पाठ, हनुमान चालीसा बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करना चाहिए. भक्तगण बजरंगबली को प्रसन्न करने तथा उनकी विशेष कृपा पाने के लिए सिंदूर का लेप भी करते है. आपको बता दें कि हनुमान जी का जन्मदिन एक वर्ष में दो बार मनाया जाता है. वो ऐसे कि कर्क राशि से दक्षिण के वासी इनका जन्मदिन चैत्र पूर्णिमा को मानते हैं, जबकि कर्क राशि से उत्तर के वासी हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मानते हैं
वायुपुराण में इसका विस्तार से उल्लेख भी मिलता है. आश्विनस्या सितेपक्षे स्वात्यां भौमे च मारुतिः। मेष लग्ने जनागर्भात स्वयं जातो हरः शिवः।। अर्थात- इनका जन्म आश्विन (चान्द्रमास कार्तिक) कृष्णपक्ष चतुर्दशी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र की मेष लग्न और तुला राशि में हुआ. वैदिक मत से चैत्र पूर्णिमा मंगलवार को हनुमान जी का जन्म माना जाता है इस वर्ष संयोगवश चैत्र पूर्णिमा भी मंगलवार को पड़ा है,हनुमान जी बाल्यकाल में ही तरह-तरह की लीलायें करना आरंभ कर चुके थे. अधिक भूख लगने के कारण उन्होंने एक बार आकाश में उदय होते लाल सूर्य को मधुर फल समझकर अपने मुंह में भर लिया था जिसके कारण संसार में अन्धेरा छा गया. इसे देवताओं पर आई विपत्ति मानकर देवराज इन्द्र ने उन पर अपने वज्र से प्रहार कर दिया. इसके प्रभाव से उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई. उसी के कारण इनका नाम हनुमान पड़ गया.
हनुमान जी को प्रसन्न करने का प्रमुख उपाय है अपने घर में नित्यप्रति राम नाम का गुणगान करते रहना. राम भक्तों की रक्षा करने के लिए हनुमान सदैव तत्पर रहते हैं. इन्होंने सभी नौ ग्रहों को राक्षस राज रावण से मुक्त कराया था जिसके फलस्वरूप शनि सहित सभी ग्रहों का वरदान है कि, हनुमान जी के भक्त को ग्रहों के दोष-मारकेश अथवा मरणतुल्य कष्ट देने वाले ग्रहों की दशादि का दोष नहीं लगता.
इनकी आराधना करते रहने पर सभी अशुभ ग्रह शुभफल देने के लिए विवश हो जाते हैं. इनके अंदर तेज, धृति, यश, चतुरता, शक्ति, विनय, नीति, पुरुषार्थ, उत्तम बुद्धि, शूरता, दक्षता, बल, धैर्य और पराक्रम हमेशा विद्यमान रहते हैं. इसलिए इनके स्मरण से मनुष्य में बुद्धि, बल, यश, धैर्य, निर्भयता, आरोग्यता, विवेक और वाक्पटुता आदि गुण तत्क्षण आ जाते हैं. प्रसन्न होने पर ये आठों सिद्धियों, अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व और नौ निधियों ‘पद्म निधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नन्दनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्वनिधि- इनमें से कुछ भी दे सकते हैं
इस मंत्र- ऊँ हं हनुमते नम:। या अष्टादश मंत्र ‘ॐ भगवते आन्जनेयाय महाबलाय स्वाहा। का जप करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही घर में, ऑफिस या दुकान में, शोरूम अथवा किसी भी तरह के व्यापारिक प्रतिष्ठान में नित्यप्रति इनकी आराधना करने से नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत बाधा, मरण, मोहन, उच्चाटन, स्तम्भन, विद्वेषण आदि से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है. विशेष ,मिथुन राशि, तुला राशि, धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर वर्तमान समय में शनि देव की दृष्टि है. इन 5 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल ही है. धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती है. इसलिए इन राशि वालों के लिए हनुमान जयंती का दिन महत्वपूर्ण है।
अंकशास्त्र के अनुसार भी इस वर्ष संयोगवश पूर्णांक 9(27=2+7=9, 27,04,2021=9+4+5=18=9) हो रहे हैं जो श्री हनुमान जी को प्रिय है ।

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